tag:blogger.com,1999:blog-5524223547863816930.post1053062631527443244..comments2024-03-26T19:01:49.199+05:30Comments on मेरा घुमक्कड़ ग्रंथ: भाग-3 "मेरी किन्नर कैलाश यात्रा"Vikas Nardahttp://www.blogger.com/profile/17968711799457133079noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-5524223547863816930.post-59834709731522177292020-05-23T07:34:28.689+05:302020-05-23T07:34:28.689+05:30सत्य वचन, परन्तु गाड़ी के दोनों पहिये एक ही तरफ मु...सत्य वचन, परन्तु गाड़ी के दोनों पहिये एक ही तरफ मुड़ सकते हैं जी।Vikas Nardahttps://www.blogger.com/profile/17968711799457133079noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5524223547863816930.post-19853385571931867432020-05-23T07:33:07.411+05:302020-05-23T07:33:07.411+05:30बेहद धन्यवाद जी।बेहद धन्यवाद जी।Vikas Nardahttps://www.blogger.com/profile/17968711799457133079noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5524223547863816930.post-50983758967205813092020-05-23T07:32:49.017+05:302020-05-23T07:32:49.017+05:30सत्य वचन जयश्री जी.....बेहद धन्यवाद।सत्य वचन जयश्री जी.....बेहद धन्यवाद।Vikas Nardahttps://www.blogger.com/profile/17968711799457133079noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5524223547863816930.post-84332105780420246082020-05-23T07:32:14.524+05:302020-05-23T07:32:14.524+05:30मनोज जी....एक दम सही विश्लेषण किया आपने, ऐसे किसी ...मनोज जी....एक दम सही विश्लेषण किया आपने, ऐसे किसी राह चलते अंजान को अपने घर में पनाह देना किसी बड़े दिल वाले का ही काम होता है जी।Vikas Nardahttps://www.blogger.com/profile/17968711799457133079noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5524223547863816930.post-53917697925072814092020-05-23T07:30:57.789+05:302020-05-23T07:30:57.789+05:30बेहद धन्यवाद योगेश जी, यूट्यूब पर मेरे नाम से ही म...बेहद धन्यवाद योगेश जी, यूट्यूब पर मेरे नाम से ही मेरा यूट्यूब चैनल भी है "Vikas Narda"Vikas Nardahttps://www.blogger.com/profile/17968711799457133079noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5524223547863816930.post-70369919087723239832020-05-22T23:29:39.915+05:302020-05-22T23:29:39.915+05:30हुकुम जी की ईलतजा मान लेनी थी ।पहाड़ो पर अभी लालच न...हुकुम जी की ईलतजा मान लेनी थी ।पहाड़ो पर अभी लालच ने अपने कदम नही पसारे हैं।दर्शन कौर धनोयhttps://www.blogger.com/profile/06042751859429906396noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5524223547863816930.post-57265432450821984902020-05-22T18:43:10.072+05:302020-05-22T18:43:10.072+05:30आप के अनुभव ही इतने संपन्न हैं, झूठ के तड़के की आव...आप के अनुभव ही इतने संपन्न हैं, झूठ के तड़के की आवश्यकता ही नहीं। जब यात्री नियमित यात्रें करने लगता है तो उसे ज्ञात हो जाता है कि सभी आदमी बुरे नहीं होते।Jaishreehttps://www.blogger.com/profile/11752427635702410954noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5524223547863816930.post-60505500540444161802020-05-22T17:35:26.908+05:302020-05-22T17:35:26.908+05:30बहुत बढ़िया भाई ....
सच में हम शहर के लोग धीरे धीरे...बहुत बढ़िया भाई ....<br />सच में हम शहर के लोग धीरे धीरे कुछ ज्यादा ही प्रैक्टिकल होते जा रहे हैं ....क्यूंकि शहरों का माहौल ही कुछ ऐसा होता है कि सहसा किसी पर भी यक़ीन करना मुश्किल होता है।<br />हुकुम सेन का घर निश्चित ही छोटा होगा लेकिन दिल जरूर बड़ा है।<br />अगर मै होता तो अंतिम विकल्प के रूप में उनके साथ चल देता.....लेकिन अफ़सोस भी होता और मन में शंसय भी रहता है कि पता नही हमारे जाने से उनकी व्यस्थाएं ना चरमरा जाए... वैसे ही बड़ा कठिन जीवन निर्व्हन होता है उन लोगों का वरना यूँ ही कोई अपनी माटी को छोड़ पलायन करने को मजबूर नही होता है। Manoj dhadsehttps://www.blogger.com/profile/04349157490659164119noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5524223547863816930.post-31154033731275080252020-05-22T17:35:05.945+05:302020-05-22T17:35:05.945+05:30विकास जी आपका यात्रा वृतांत बहुत ही अच्छा है। लगता...विकास जी आपका यात्रा वृतांत बहुत ही अच्छा है। लगता है जैसे पाठक भी साथ चल रहा है पर यात्रा विवरण क्रमशः में ज़्यादा न चलाए थोड़ा जल्दी जल्दी अपडेट करें और अगर आप यूट्यूब पर व्लोगिग भी करते हैं तो ठिकाना बताये अगर नहीं करते हैं तो अगली यात्रा का व्लोग ज़रूर बनाये।yogesh sharmahttps://www.blogger.com/profile/02938703811535321715noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5524223547863816930.post-21337266697682165492020-05-21T08:43:07.613+05:302020-05-21T08:43:07.613+05:30सुमधुर आभार प्रतीक जी।सुमधुर आभार प्रतीक जी।Vikas Nardahttps://www.blogger.com/profile/17968711799457133079noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5524223547863816930.post-18223255467479078362020-05-21T08:42:27.457+05:302020-05-21T08:42:27.457+05:30जी जरूर, कौशिक साहब....जय भोलेनाथ।जी जरूर, कौशिक साहब....जय भोलेनाथ।Vikas Nardahttps://www.blogger.com/profile/17968711799457133079noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5524223547863816930.post-72304054187818437372020-05-21T08:41:47.819+05:302020-05-21T08:41:47.819+05:30सही कहा आपने, हिमाचल के गाँवों में ढेर सारा अपनापन...सही कहा आपने, हिमाचल के गाँवों में ढेर सारा अपनापन मिलता है.....मैं हुकुम सेन के ही घर रुकता, परन्तु दो जनों में बटी यात्रा गाड़ी के पहियों सी ही चलती है....दोनों पहिये अलग दिशा में नहीं मुड़ सकते ना।Vikas Nardahttps://www.blogger.com/profile/17968711799457133079noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5524223547863816930.post-60225902741449858942020-05-20T19:17:19.561+05:302020-05-20T19:17:19.561+05:30नंदू शुक्र मना रहा कि वो आप सनकी के हत्थे न चढ़ा......नंदू शुक्र मना रहा कि वो आप सनकी के हत्थे न चढ़ा...<br />आपको हुक़ूम सेन के घर जाना चाहिए था.....बढ़िया गार्ड के कमरे में आपको सोने मिल गया.....थकान मिताने वाली दवा....मुर्गे की तरी में सब्जी और बहन का ससुराल वाह...बिलकुल सही कहा आपने जो आपने अनुभव किया वहीँ आप लिखते हो...बेहद उम्दा लेख....Pratik Gandhihttps://www.blogger.com/profile/07320868028206324587noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5524223547863816930.post-26623933362286755352020-05-20T12:06:32.927+05:302020-05-20T12:06:32.927+05:30जय भोले की ।
वैसे सच है इस यात्रा के पश्चात नंदू भ...जय भोले की ।<br />वैसे सच है इस यात्रा के पश्चात नंदू भाई भी सबके बन्धु बन गये होंगे ।<br />बढ़िया विवरण, भोले के दर्शनों के इन्तज़ार मेंसंजय कौशिकhttps://www.blogger.com/profile/15605480008187029892noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5524223547863816930.post-17697903747661307652020-05-20T12:05:04.067+05:302020-05-20T12:05:04.067+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.संजय कौशिकhttps://www.blogger.com/profile/15605480008187029892noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5524223547863816930.post-84420461518070650642020-05-20T09:12:20.655+05:302020-05-20T09:12:20.655+05:30आपको हुकम सेन के घर रुक जाना चाहिए था।मैं बेशक आप ...आपको हुकम सेन के घर रुक जाना चाहिए था।मैं बेशक आप जैसा घुमक्कड़ होने के आस पास भी नही हु।पर हिमाचल में बहुत यात्राएं की है मैंने और हर बार ऐसे ही गांवों में रुकता हु ररात्रि विश्राम के लिए।ये लोग बहुत ही प्यार से पेश आते और अपनी तरफ से सेवा भाव मे कमी नही आने देते।Musafirhttps://www.blogger.com/profile/15661849657276346222noreply@blogger.com